Tuesday, January 6, 2015

in defense of and in gratitude to amir khan

copy-posting..

आमिर खान ने जब मँगल पाँडे बनकर अंग्रेजों के खिलाफ बगावत किया था ,जब अजय सिँह राठौड़ बनकर पाकिस्तानी आतँकवादी गुलफाम हसन को मारा था.जब आमिर ने फुन्सुक वाँगड़ू (रैंचो) बनकर पढ़ने और जीने का तरीका सिखाया था.जब भुवन बनकर ब्रिटिश सरकार से लड़कर अपने गाँव का लगान माफ कराया था। जब टीचर बनकर बच्चों की प्रतिभा कैसे निखारी जाए सिखाया था। सत्यमेव जयते । जिसको देख कर काफी जागरूकता आई तब आमिर एक देशभक्त और जिम्मेदार नागरिक था।..पर जब आमिर ने pk फिल्म से धर्म के नाम पर पाखण्ड और अंधविश्वास को उजागर किया है। तो एक देशभक्त और मंझा हुआ कलाकार मुसलमान हो गया। आमिर का मुसलमान के नाम पर विरोध वही कर रहे है जो चाहते है धर्म का धंधा चलता रहे। चढ़ोत्तरी आती रहे। लोग धर्म के नाम पर मरते कटते रहे ! OMG में भगवान पर मुक़दमा ठोकने वाले परेश रावल को तो संसद बना दिया और अब PK का विरोध , कुछ समझ नहीं आया।

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